Thursday 1 March 2018

गगन का अंत नहीं है

Top post on IndiBlogger, the biggest community of Indian Bloggers




दूर गगन का कोई अंत नहीं है 
मन प्रफुल्लित न हो तो बसंत नहीं है 

जीवन के सफ़र में कांटे भी मिलेंगे
कुछ जख्मों से जीवन का अंत नहीं है 

मन के भावों को गर समझ पाए कोई 
गम एक भी हो तो खुशियाँ अनंत नहीं है 

टूटते हैं मूल्य स्वार्थ भरी दुनियां में 
कैसे कहें अब कोई संत नहीं है 

वक्त के साथ न बदल पाए 'राजीव'
आदमी है आम कोई महंत नहीं है 
    

Friday 7 July 2017

तूफ़ान कम नहीं गुजरे







इस जमीं से तूफ़ान कम नहीं गुजरे
आबाद रहे बियाबान नहीं गुजरे

कोई उसे गूंगा बनाए लिए चलता है
इंसान का ये अपमान नहीं गुजरे

दिवास्वप्न दिखाने वाले कम तो नहीं  
पतझड़ में वसंत का अवसान नहीं गुजरे

लहरों से क्या हिसाब मांगने निकले
डूबे हैं तट पर अपमान नहीं गुजरे

फरेबी चालों में नहीं उलझे 'राजीव'
कोई अभिमन्यु चक्रव्यूह से नहीं गुजरे  
    

Monday 3 October 2016

धड़कनें खामोश हैं






दूर क्यों हो पास आओ जरा
देखो गगन से मिल रही धरा

कलियां खिल रही कितने जतन से
चाँद की रौशनी से नहाओ जरा

धड़कनें खामोश हैं वक्त है ठहर गया
जो नजरें मिली कदम रुक सा गया

हठ बचपनों सा अब तो छोड़िए
मन का संबंध मन से जोड़िए

वक्त काफी हो गया ख़ामोशी तो तोड़िए
व्रत मौन का खिलखिलाकर तोड़िए

    

Sunday 25 September 2016

वक्त का मौसम




Image result for hope sorrow jpg
होठों की हंसी देखे अंदर नहीं देखा करते
किसी के गम का समंदर नहीं देखा करते

कितनी हसीन है दुनियां लोग कहा करते हैं
मर-मरके जीने वालों का मंजर नहीं देखा करते

पास होकर भी दूर हैं उन्हें छू नहीं सकते
बिगड़े मुकद्दर की नहीं शिकवा करते

शीशे का मकां तो खूब मिला करते हैं
समय के हाथ में पत्थर नहीं देखा करते

‘राजीव’ देखा है वक्त का मौसम खूब बदलते
नादां है जो वक्त के साथ नहीं चला करते 
    

Friday 3 June 2016

हजारों गम हैं




एक नहीं हजारों गम हैं किस किसको कहेंगे
पहले भी हजारों सहे हैं इस बार भी सहेंगे

जमाने के साथ कदम मिलाकर न चल पाए
दोष खुद का हो तो औरों को क्या कहेंगे

हथेली से रेत की मानिंद फिसलती जाए है
जिंदगी क्या इस तरह गुजर न जाएंगे  

तुम नहीं हम अकेले और बहती दरिया है
सुनसान गीतों के छंद किनारे पहुँच पाएंगे

‘राजीव’ फ़कत चुपचाप हैं पेड़ पत्ते बोलते हैं
दर्दे दिल की शमा आँधियों से न बुझ जाएंगे 
    
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...