फिर वो दिन
फिर वो दिन आ गए हैं
छलक उठे हैं
मधुमय मधुकलश
सोनजूही चम्पाकली
झूम रही मतवाली
महक उठी
जीवन की डाली
मुस्काया
प्रकृति का
कण कण
हर्षित तन मन
सिंदूरी सूर्ख
अधर करें किलोल
शिरीष के पुष्प सा
सुनहरे हुए कपोल
आम्र मंजरी से सुरभित
मन हुआ विभोर
बीता जाए
पल पल
तुम बिन
नीरस नीरव
आकुल मन
प्रतीक्षारत नैन
|
प्रकृति मतवाली ले हिलोर मानव भी संग उसके !
ReplyDeleteसुन्दर रचना !
सादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteभावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteसुन्दर वर्णन-
ReplyDeleteआभार भाई जी-
सादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteसुन्दर वर्णन-
ReplyDeleteआभार भाई जी-
बहुत खूब !
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
DeleteVery beautifully composed. Nice words.
ReplyDeleteThanks ! Indrani ji.
Deleteबहुत नजाकत से लिखी गयी कविता |
ReplyDeleteआशा
सादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteआकुल मन व प्रतीक्षारत नैन तो इस मौसम में हो ही जाते हैं।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteसुन्दर रचना ...
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteप्रकृति हमेशा कवियों को लिखने को प्रेरित करती है ..सुंदर ,,रचना
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteबहुत सुंदर भाई जी ! मंगलकामनाएं आपको !
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteसुन्दर भावों कि खूबशूरत लड़ियाँ सादर
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteबहुत सुंदर प्रस्तुति |
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Delete
ReplyDeleteतुम बिन
नीरस नीरव
आकुल मन
प्रतीक्षारत नैन वाह !कैसी पीर उठी है।
सादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteउम्दा....
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteकल 13/11/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!
सादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteप्रेम और प्राकृति के मिलन से उपजी रचना ... कोमल एहसास लिए ...
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत कविता !!
ReplyDeletebeautifully
ReplyDeleteसुन्दर रचना !
ReplyDeleteक्या कहने ..बहुत ही सुन्दर रचना...
ReplyDeleteअति सुन्दर...
:-)
सादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteराजीव भाई , हर बार की तरह सुन्दर शब्दों से सजी आपकी सुन्दर कृति , धन्यवाद
ReplyDelete* जै श्री हरि: *
सादर धन्यवाद ! आशीष भाई. आभार.
Deleteअति सुन्दर कृति..
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteबहुत सुंदर.
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteprakritik bimbon ke madhyma se shandaar saundarya chitran sadar badhaaayee ke sath
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deletebadhiya abhivyakti...
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteसुन्दर रचना .. बहुत बधाई ..
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! नीरज जी. आभार.
Deleteबहुत सुंदर रचना.
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteसादर धन्यवाद ! आभार.
ReplyDeletePrakarti ki bahut sundar warna kiya he
ReplyDeleteSir apne