कोरे ख़त आते रहे
हमने उनकी तुलना
चाँद से क्या कर दी
वह रात भर आईने को
सताते रहे
अनजाने ही हो गई
कुछ ऐसी गुफ्तगू
अकेले में वह
घंटों मुस्कुराते रहे
साँझ की गोद में
रवि सो गया
रात भर चाँद के
ख्वाब आते रहे
इंतजार में
तितलियों के
फूल रात भर
ओस में नहाते रहे
उनके स्नेह की
यह कैसी अदा
हमें उनके ख़त
कोरे आते रहे
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उनके प्यार की
ReplyDeleteयह कैसी अदा
हमें उनके ख़त
कोरे आते रहे..........bahut sundar
सादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteबहुत खूबसूरत रचना ......
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteसुन्दर ---
ReplyDeleteआभार आदरणीय -
सादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteखूबसूरत रचना ...
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteबहुत सुन्दर रचना.
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deletebahut hi pyaari or khoobsurat rachna .. badahai ho..
ReplyDeletePlease Share Your Views on My News and Entertainment Website.. Thank You !
सादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteबहुत खूब वाह !
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteबहुत सुन्दर रचना ..
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteबहुत बढ़िया , राजीव भाई
ReplyDeleteनया प्रकाशन -: जानिये कैसे करें फेसबुक व जीमेल रिमोट लॉग आउट
सादर धन्यवाद ! आशीष भाई. आभार.
Deleteउम्दा रचना और उसमें सहेजे गए भाव
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteअति सुन्दर
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteबहुत खूबसूरत रचना
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteumda bhaav
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deletehttp://hindibloggerscaupala.blogspot.in/ शुक्रवारीय अंक १३/१२/१३ में आपकी इस रचना को शामिल किया जा रहा हैं कृपया अवलोकन हेतु पधारे .धन्यवाद
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteअति सुन्दर रचना...
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत...
:-)
सादर धन्यवाद ! आभार.
Deletebahut sundar rachna
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteपोस्ट का लिंक कल सुबह 5 बजे ही खुलेगा।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (15-12-13) को "नीड़ का पंथ दिखाएँ" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1462 पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (15-12-13) को "नीड़ का पंथ दिखाएँ" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1462 पर भी होगी!
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteman ko gudgudati rachna
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteमन तो कविता के भावों में बह गया --बहुत सुन्दर
ReplyDeleteनई पोस्ट विरोध
new post हाइगा -जानवर
सादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteसादर धन्यवाद ! आभार.
ReplyDeleteराग अनुराग का भाव लिए सुन्दर रचना।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आ. वीरेन्द्र जी. आभार.
Deletebehatareen....saral shabd....gahre bhaav
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteबहुत बढ़िया ब्लॉग अच्छा है पोस्ट भी
ReplyDeleteBahut bahut shukriya itna acchaaa information share karne k liye.
ReplyDeleteIndia Parenting Tips
kafi acchi jankari share ki hui hai iss blogke jariye padh kar bahot achha laga
ReplyDeletevary nice good information
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