याद अभी भी है वह क्षण
जब मेरे सम्मुख आई
निश्चल,निर्मल रूप छटा सी
जैसे हिलती सी परछाई
गहन निराशा,घोर उदासी
जीवन में जब कुहरा छाया
मृदुल,मंद तेरा स्वर गूंजा
मधुर रूप सपनों में आया
कितने युग बीते,सपने टूटे
हुए तिरोहित स्वप्न सुहाने
किसी परी सा रूप तुम्हारा
भूला वाणी,स्वर पहचाने
पलक आत्मा ने फिर खोली
फिर तुम मेरे सम्मुख आई
निश्चल,निर्मल रूप छटा सी
जैसे हिलती सी परछाई |
Bahut sundar prastuti Sir.. :)
ReplyDeleteआपने लिखा...
ReplyDeleteऔर हमने पढ़ा...
हम चाहते हैं कि इसे सभी पढ़ें...
इस लिये आप की रचना...
दिनांक 10/01/2016 को...
पांच लिंकों का आनंद पर लिंक की जा रही है...
आप भी आयीेगा...
सादर धन्यवाद !
Deleteवाह बढ़िया !
ReplyDeletesundar kavita!
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (10-01-2016) को "विवेकानन्द का चिंतन" (चर्चा अंक-2217) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
नववर्ष 2016 की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सादर आभार !
DeleteNice lines.....
ReplyDeleteLovely
ReplyDeleteLovely
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा रचना रचना की प्रस्तुति। नए साल की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद !
ReplyDeleteकितने युग बीते,सपने टूटे
ReplyDeleteहुए तिरोहित स्वप्न सुहाने
किसी परी सा रूप तुम्हारा
भूला वाणी,स्वर पहचाने
..बहुत सुन्दर ...
सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार!
ReplyDeleteनववर्ष की बधाई!
मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है...
bahut badhiya ...
ReplyDeleteसुंदर रचना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeleteNicely written.Got very good feeling after reading this poem.
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर रचना के रूप में प्रस्तुत हुई है ''हिलती सी परछाईं।''
ReplyDeleteवाह .... परछाई को ही इतना सुन्दर और मोहक बना दिया जो वो स्वयं आतीं तो क्या काव्य न बनता ... सुन्दर भाव ....
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteamazed by ur imangination...!
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