अनायास आ जाते
हैं सामने
बीती यादों को
कुरेदती
दुःख - दर्द को
सहेजती
बेरंग जिंदगी को
दिखा जाते
पुरानी डायरी के
फटे पन्ने
बीते लम्हों को
भुलाना
गर होता इतना
आसां
कागजों पर लिखे
हर्फ़ को
मिटाना होता गर
आसां
जिंदगी न होती
इतनी बेरंग
इन्द्रधनुषी
रंगों में मिल जाता
जीवन के विविध
रंग
कुछ सुख के, कुछ दुःख के
जो बिताये तेरे
संग
बीती यादों को भुलाना आसान नही होता मित्रवर,बहुत ही सुन्दर
ReplyDeleteअभिव्यक्ति।
सादर धन्यवाद ! राजेंद्र जी. आभार .
Deletejane kahan gaye wo din
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार .
Deleteवाह वाह राजीव झा जी, फाटे पन्ने पर ही तो मूंगफलिया खाई थी कभी हमने आपने ...
ReplyDeleteमूंगफलिया कितनी मजेदार लगती है, जो ख़त्म हो जाने के बाद भी किसी कविता में भुला लेती है!
सादर धन्यवाद ! आ . जवाहर जी. आभार .
Deleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! जोशी जी. आभार .
Deleteबहुत सुंदर.
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार .
Deleteबहुत सुंदर जजबात .
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार .
Deleteबीती यादों को भूल पाना आसान नहीं होता..
ReplyDeleteकोमल अहसास लिए भावपूर्ण अभिव्यक्ति...
:-)
सादर धन्यवाद ! आभार .
Deleteसादर प्रणाम
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता |
सुंदर मनभावन एहसासों भरी |
सादर धन्यवाद ! अजय जी. आभार .
Deleteबहुत सुन्दर कविता सर जी।।
ReplyDeleteनई कड़ियाँ : ब्लॉग से कमाने में सहायक हो सकती है ये वेबसाइट !!
ज्ञान - तथ्य ( भाग - 1 )
सादर धन्यवाद ! आभार .
Deleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की इस प्रविष्टि की चर्चा शनिवार 05/10/2013 को हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल : 017 तेरी शक्ति है तुझी में निहित ..
- पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर ....
सादर धन्यवाद ! आभार .
Deleteसुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! संजय जी. आभार .
Deleteशब्दों की मुस्कुराहट पर ....क्योंकि हम भी डरते है :)
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