दिल के जजबात
Beautifully written Rajeevji!
Thanks ! Indrani ji.
बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति !नई पोस्ट सपना और मैं (नायिका )
हार्दिक शुभकामनायें
बहुत सुंदर कविता.
बहुत खुबसूरत रचना !!
उत्तम प्रस्तुति-आभार आदरणीय राजीव जी-
very beaitiful poem.your all most welcome to my blog.iwillrocknow.blogspot.in
सादर धन्यवाद ! आभार.
खुबसूरत रचना .....
बहुत सुंदर ,और उम्दा अभिव्यक्ति...बधाई...
सुन्दर रचना एवं प्रस्तुति सर।।नई कड़ियाँ : चित्तौड़ की रानी - महारानी पद्मिनीअंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस (International Poverty Eradication Day)
सादर धन्यवाद ! हर्ष . आभार.
बहुत सुंदर !गुमसुम कर लें !
सादर धन्यवाद ! सुशील जी . आभार.
सुन्दर जज़्बात लिए कविता |
सादर धन्यवाद ! राकेश जी . आभार.
बहुत शानदार लिखा है , राजीव भाई नई पोस्ट -: प्रश्न ? उत्तर भाग - ५
सादर धन्यवाद ! आशीष भाई . आभार.
छलके हुए सागरआँखों के किनारेपार उतर पाएँगेक्या ख्वाब हमारे अभिव्यक्ति जैसे भाव में डूबा हुआ हो मन का राग ,सारी रागात्मकता ,रूप विलास। और विछोह भी।
सादर धन्यवाद ! आ. वीरेन्द्र जी . आभार.
बहुत सुंदर जजबात.
इस पोस्ट की चर्चा, मंगलवार, दिनांक :-29/10/2013 को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" चर्चा अंक -36 पर. आप भी पधारें, सादर ....
बहुत लाजवाब ... ख्वाब जरूर पूरे होंगे ...
सादर धन्यवाद ! नासवा जी . आभार.
छलके हुए सागरआँखों के किनारेपार उतर पाएँगेक्या ख्वाब हमारे बहुत सुंदर ...
बहुत सुंदर, छलके हुए सागर आँखों के किनारे और क्या पारु उतर पायेंगे ख्वाब हमारे।
सुन्दर भाव पूर्ण लेखन के लिए बधाई। टिप्पणियों के लिए शुक्रिया ख़ास।
सादर धन्यवाद ! आभार .
सभी क्षणिकाएँ बहुत उम्दा हैं।
सादर धन्यवाद ! आ. शास्त्री जी. आभार . छंद विद्या तो नहीं मालूम, लेकिन मन में उठने वाले भावों को अभिव्यक्त करने का माध्यम ही है,इस ब्लॉग की रचनाएं.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। आभार आपकी टिप्पणियों का।
सादर धन्यवाद ! आ. वीरेन्द्र जी.
Beautifully written Rajeevji!
ReplyDeleteThanks ! Indrani ji.
Deleteबहुत बढ़िया अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteनई पोस्ट सपना और मैं (नायिका )
हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता.
ReplyDeleteबहुत खुबसूरत रचना !!
ReplyDeleteउत्तम प्रस्तुति-
ReplyDeleteआभार आदरणीय राजीव जी-
very beaitiful poem.
ReplyDeleteyour all most welcome to my blog.
iwillrocknow.blogspot.in
सादर धन्यवाद ! आभार.
Deleteखुबसूरत रचना .....
ReplyDeleteबहुत सुंदर ,और उम्दा अभिव्यक्ति...बधाई...
ReplyDeleteसुन्दर रचना एवं प्रस्तुति सर।।
ReplyDeleteनई कड़ियाँ : चित्तौड़ की रानी - महारानी पद्मिनी
अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस (International Poverty Eradication Day)
सादर धन्यवाद ! हर्ष . आभार.
Deleteबहुत सुंदर !
ReplyDeleteगुमसुम कर लें !
सादर धन्यवाद ! सुशील जी . आभार.
Deleteसुन्दर जज़्बात लिए कविता |
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! राकेश जी . आभार.
Deleteबहुत शानदार लिखा है , राजीव भाई
ReplyDeleteनई पोस्ट -: प्रश्न ? उत्तर भाग - ५
सादर धन्यवाद ! आशीष भाई . आभार.
Deleteछलके हुए सागर
ReplyDeleteआँखों के किनारे
पार उतर पाएँगे
क्या ख्वाब हमारे
अभिव्यक्ति जैसे भाव में डूबा हुआ हो मन का राग ,सारी रागात्मकता ,रूप विलास। और विछोह भी।
सादर धन्यवाद ! आ. वीरेन्द्र जी . आभार.
Deleteबहुत सुंदर जजबात.
ReplyDeleteइस पोस्ट की चर्चा, मंगलवार, दिनांक :-29/10/2013 को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" चर्चा अंक -36 पर.
ReplyDeleteआप भी पधारें, सादर ....
बहुत लाजवाब ... ख्वाब जरूर पूरे होंगे ...
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! नासवा जी . आभार.
Deleteछलके हुए सागर
ReplyDeleteआँखों के किनारे
पार उतर पाएँगे
क्या ख्वाब हमारे
बहुत सुंदर ...
बहुत सुंदर, छलके हुए सागर आँखों के किनारे और क्या पारु उतर पायेंगे ख्वाब हमारे।
ReplyDeleteसुन्दर भाव पूर्ण लेखन के लिए बधाई। टिप्पणियों के लिए शुक्रिया ख़ास।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार .
Deleteसभी क्षणिकाएँ बहुत उम्दा हैं।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आ. शास्त्री जी. आभार . छंद विद्या तो नहीं मालूम, लेकिन मन में उठने वाले भावों को अभिव्यक्त करने का माध्यम ही है,इस ब्लॉग की रचनाएं.
Deleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति। आभार आपकी टिप्पणियों का।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आ. वीरेन्द्र जी.
Delete