Saturday, 5 December 2015

तनहा सफ़र जिंदगी का

Top post on IndiBlogger.in, the community of Indian Bloggers

तनहा कट गया जिंदगी का सफ़र कई साल का
चंद अल्फाज कह भी डालिए मेरे हाल पर

मौसम है बादलों की बरसात हो ही जाएगी
हंस पड़ी धूप तभी इस ख्याल पर

फिर कहाँ मिलेंगे मरने के बाद हम
सोचते ही रहे सब इस सवाल पर

इन रस्तों से होकर ख्वाबों में गुजरे
दिखे हैं सहरा चांद हर जर्रे पर

तेरा अक्स जो नजर आ जाए 
दिखे है दूजा चांद नदी के दर्पण पर

आंखें छलक जाती हैं निगाह मिलने पर
हश्र तो ये है तुमसे इस मुलाकात पर

जरा गौर फरमाईए राजीवकी बात पर
चांदनी रात का जिक्र क्यों न हो मुलाक़ात पर 
    

15 comments:

  1. आखिरी दो पंक्तियाँ लाजवाब हैं। बहुत बढ़िया। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है।
    iwillrocknow.blogspot.in

    ReplyDelete
  2. beautiful and soulful. It is ever pleasant to read poems in Hindi...they have a feeling of belongingness

    ReplyDelete
  3. bahut khoob, roomani kavita jo dil ke taar cho leti hai

    ReplyDelete
  4. सुन्दर रचना

    ReplyDelete
  5. सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
    मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार....

    ReplyDelete
  6. क्या बात है .............बहुत सुन्दर रचना

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...