Saturday, 24 January 2015

वसंत में बौराया है मन


वसंत में बौराया है मन
फगुनाहट की आहट है
पीले सरसों के गंध सुगंध से
उल्लासित कर जाता है मन

वसंत में बौराया है मन

वन उपवन टेसू फूले
वसंत के सज गए मेले
बर्फीले सफ़ेद चादरों से
ढँक जाता है तन मन

वसंत में बौराया है मन

नभ में विहग कलरव करते
बूँद बूँद पत्तों से झरते
मधुमय मधुमास सजाकर
उमंग बढ़ा जाता है मन

वसंत में बौराया है मन

हरियाली से तन मन रीता
रंग सुगंध से कौन अछूता
सोंधी महक धरा से उठती
खिल उठता है उपवन कानन

वसंत में बौराया है मन

20 comments:

  1. वसंत पंचमी की अशेष शुभकामनायें

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  2. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति। वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  3. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति बसंत के आगमन पर ...
    शुभकामनायें ..

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  4. खूबसूरत रचना ..........वसन्त की आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें !

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  5. सार्थक प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (25-01-2015) को "मुखर होती एक मूक वेदना" (चर्चा-1869) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    बसन्तपञ्चमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    Replies
    1. सादर आभार ! आ. शास्त्री जी.

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  6. बहुत सुन्दर

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  7. हरियाली से तन मन रीता
    रंग सुगंध से कौन अछूता
    सोंधी महक धरा से उठती
    खिल उठता है उपवन कानन

    वसंत में बौराया है मन
    ......बहुत खूबसूरत रचना ....

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  8. वासंती रंग लिए बहुत सुंदर रचना

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  9. बसंत ऋतु के अवसर पर बहुत ही सार्थक प्रस्तुति

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  10. waasanti kavita, man ko chhooti huee c.......

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  11. बसंत के स्वागत में हुए बसंती हुए शब्दों का जाल,मनमोहक कविता

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  12. अर्थ गर्भित बिंबप्रधान रचनाएँ हैं दोनों। बसंत में बौराया है मन ,वन उपवन तन खिल गया तुम्हारी खिलखिलाहट सा बनठन।

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  13. अर्थ गर्भित बिंबप्रधान रचनाएँ हैं दोनों। बसंत में बौराया है मन ,वन उपवन तन खिल गया तुम्हारी खिलखिलाहट सा बनठन।

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  14. वासंती रंग लिए बहुत सुंदर रचना

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  15. वाह वाह क्‍या बात है....। अतिसुंदर कविता। http://natkhatkahani.blogspot.com

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  16. आया वसंत आया वसंत, खिल गये फूल लद गई डाल।

    बहुत सुंदर प्रस्तुति का आभार।

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  17. basant ke rang me dubi abhiwyakti....

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